कहाँ रखूँ मैं अपनी बेटी छुपाकर? (कविता)

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कहाँ रखूँ मैं अपनी बेटी छुपाकर (कविता) Kahan Rakhun Main Apni Beti Chhupakar

छोटी-छोटी बच्चियों के बलात्कारों की ख़बरें अक्सर ही अख़बारों में आती रहती हैं। पढ़ कर दिल बहुत दुखी हो जाता है।

17 अगस्त, 2017 को एक दस साल की बच्ची ने चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक बेटी को
जन्म दिया। यह दस साल की बच्ची अपने एक नज़दीकी रिश्तेदार की हवस का कई बार शिकार बनी थी, जिसके नतीजे में यह प्रेग्नेंट हो गयी।

इसके बाद मैंने कुछ पँक्तियाँ लिखी हैं, जो मेरे दिल की भावनाओं को व्यक्त करती हैं। हालांकि मैं ख़ुद तो औलाद वाला नहीं हूँ, लेकिन सभी बेटियाँ मुझे अपनी ही बेटियाँ लगती हैं।

दस साल की इस बच्ची ने जिस बेटी को जन्म दिया है, उसको उस बच्ची और उसके परिवार ने देखा तक भी नहीं और त्याग दिया है। उस नई पैदा हुई बेटी के लिये भी मैंने अलग से कुछ पँक्तियाँ लिखी हैं, लेकिन वे मैं किसी और दिन सुनाऊँगा।

कहाँ रखूँ मैं अपनी बेटी छुपाकर?
ख़ुदा मेरे मुझको बता दो यह आकर।