भाग चौथा – ज़िला हज़ारा में हिन्दुओं-सिखों का क़त्ल-ए-आम । पाकिस्तान की स्थापना ।

#ख़ून_से_लेंगे_पाकिस्तान ।
#पाकिस्तान_की_स्थापना ।
#हिन्दू_सिख_क़त्लेआम ।

इस विडियो के ख़ास नुक्ते इस प्रकार हैं: –

* गांव कुटली के लगभग सभी हिंदू और सिख अपने घर छोड़कर अपना गांव छोड़कर घोड़ा गली चले गए। एक व्यक्ति तुलसाराम और एक औरत माता द्रोपदी को क़त्ल कर दिया गया। द्रौपदी की एक शादीशुदा बेटी भी थी, जिसको गुंडे अग़वा करके ले गये।

* इलाके के एक और गांव लोरा में कन्हैया सिंह, पण्डित गोपाल चन्द की बीवी श्रीमती छत्तो, और दलीप सिंघ का हमलावरों ने क़त्ल कर दिया।

* ख़ूबसूरत वादी में हरो नदी के किनारे एक गांव सतोड़ा बसा हुआ है। यहां तक़रीबन 55 हिन्दू और सिख ख़ानदान रहते थे। पुलिस ने हिंदू और सिक्खों परिवारों को घोड़ा गली पहुंचा दिया।

* एक और गाओं था, ओगल। बेलीराम इस्सर और उनका परिवार तीन दिन तक अपने गांव ओगल में ही छुपे रहे। जब यह बात किसी दूसरे गांव में रहने वाले उनके एक मुस्लमान दोस्त को पता चली, तो उसने ओगल पहुँच कर बेलीराम और उनके परिवार को वहां से निकालकर अपने घर में पनाह दी।

* तरोड, कमार बगला, नलोई और संधा की बस्तियों के हिंदुओं और सिखों ने संधा बस्ती के साथ वाली एक ऊंची पहाड़ी पर जा कर पनाह ले ली। जब सैकड़ों की तादाद में दंगाइयों ने इस पहाड़ी पर पनाह लिए बैठे हिंदुओं और सिखों पर हमला करने की कोशिश की, तो सिखों ने उनका मुकाबला करने के लिए फायरिंग की और तोबड़े से भी कुछ गोले दागे। इससे दंगाइयों में ख़ौफ़ पैदा हो गया और उन्होंने पहाड़ी के ऊपर पनाह लिए बैठे हिंदुओं और सिखों के नज़दीक जाने की हिम्मत नहीं की। इन घिरे हुये सभी हिन्दुओं और सिखों को पुलिस की मदद से वहां से निकाल कर काकुल के रिफ्यूजी कैम्प में पहुंचाया गया।

* उस वक़्त की तहसील हरिपुर में एक गांव छजियां पर हमला करके हमलावरों ने हिन्दुओं और सिखों को मारना शुरू किया। अपनी जानें बचाने के लिए कोई 35 से 40 के बीच लोग एक घर के अंदर इकट्ठे हो गये। हमलावरों ने इस घर को चारों तरफ़ से आग लगा दी, जिससे यह सभी लोग, जिनकी तादाद 35 से 40 के बीच में थी, ज़िन्दा ही जल कर मर गये।

* तहसील के ही एक और गांव खाँनपुर के तीन लोग अपने काम के सिलसिले में तहसील दफ़्तर में आए हुये थे। ये तीनों बदकिस्मत दंगाइयों के हाथ आ गए और उनको बहुत बेरहमी से हरिपुर में ही क़त्ल कर दिया गया।