(भाग 1/2) पंजाब – क़तलेआम से पहले । पाकिस्तान की स्थापना ।

#ख़ून_से_लेंगे_पाकिस्तान ।
#पाकिस्तान_की_स्थापना ।
#हिन्दू_सिख_क़त्लेआम ।

इस विडियो के ख़ास नुक्ते इस प्रकार हैं: –

* 1944 में गांधी जी और जिन्नाह साहिब की मीटिंग के बाद यह साफ़ लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी में भी लोग अब अलग पाकिस्तान बनाने के लिये तैयार थे। अगर पाकिस्तान बनाना कांग्रेस को भी मन्ज़ूर है, तो फिर मुसलमान मुस्लिम लीग का विरोध भी क्यों करें? जिस मुस्लिम लीग का 1937 में पंजाब असेम्बली में एक ही मेम्बर था, 1946 के इलेक्शन्स में उसके 75 मेम्बरज़ हो गये।

* 1937 में बनी यूनियनिस्ट पार्टी की मेजोरिटी मिनिस्ट्री का ग़ैरज़रूरी विरोध अगर नेहरू जी और कांग्रेस पार्टी न करती, तो 1937 में सिकन्दर-जिन्नाह पैक्ट न होता। अगर सिकन्दर-जिन्नाह पैक्ट न होता, तो मुस्लिम लीग पंजाब में इतनी कामयाब न होती।

* 3 मार्च, 1947 का दिन वह दिन था, जिसने यह तय कर दिया था कि पंजाब में पाकिस्तान मूवमेंट के सबसे बड़े दुश्मन सिख थे। यह वो दिन था, जिसने यह तय कर दिया था कि मुस्लिम लीग, मुस्लिम नेशनल गार्ड्स, मुस्लिम पुलिस, और मुस्लिम फ़ौज का ख़ास निशाना सिख ही होंगे।

* 3 मार्च, 1947 को लाहौर में असेम्बली हाल के बाहर जोश से भरे हज़ारों की तादाद में पाकिस्तान के हिमायती मुसलमान इकट्ठे हुये। ऐसा कहा जाता है कि उनकी तादाद 50 हज़ार से भी ज़्यादा थी। ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ और ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारों से आसमान गूँज रहा था। असेम्बली हाल पर पाकिस्तान का झण्डा फहराया जा चुका था। ऐसे लगता था, जैसे आज पाकिस्तान बन ही गया हो।

* अकाली दल के रहनुमा मास्टर तारा सिंघ 400-500 अकालियों के साथ वहाँ पहुँचे। 50,000 की भीड़ के सामने अकाली दल के यह 400-500 सिख मास्टर तारा सिंघ के साथ खड़े थे।

* मास्टर तारा सिंघ असेम्बली हाल की सीढ़ियों पर चढ़े और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाये। जवाब में दूसरी तरफ़ से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारे और बुलन्द होने लगे। माहौल बहुत तनाव वाला हो गया।

* देखते ही देखते ‘बोले सो निहाल, सति श्री अकाल’ के जयकारों के बीच मास्टर तारा सिंघ ने अपनी तलवार लहराई और पाकिस्तान के झंडे पर दे मारी। झण्डा नीचे गिर पड़ा। ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारे लगाते पाकिस्तान के हिमायती आगे बढ़े और सिखों से भिड़ गये।

* अगले दिन, 4 मार्च, 1947 से सिखों और हिन्दुओं के क़त्लेआम का वो दौर शुरू होने वाला था, जिसके बारे में जानकर आने वाली नस्लें भी दहल जाया करेंगी।